भरत से भारत, The Temple of the world
🟢 भारत देश का नाम “भारत” क्यों पड़ा?
🔸 1. राजा भरत के नाम पर (ऐतिहासिक और पौराणिक आधार)
“भारत” नाम की उत्पत्ति प्राचीन सम्राट “भरत” के नाम से मानी जाती है।
🧑🦱 कौन थे राजा भरत?
राजा भरत, महाभारत के पूर्वज और ऋषभदेव (पहले जैन तीर्थंकर) के पुत्र माने जाते हैं।
वैदिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार, उन्होंने एक विशाल और संगठित राज्य की स्थापना की थी।
उनकी न्यायप्रियता और धर्मनिष्ठा के कारण पूरे उपमहाद्वीप को “भारतवर्ष” कहा जाने लगा।
📖 विष्णु पुराण में उल्लेख मिलता है:
> “उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः॥”
अर्थ:
जो भूमि हिमालय से लेकर समुद्र तक फैली है, और जहाँ भरत की संतानें रहती हैं, उसे भारतवर्ष कहते हैं।
---
🔸 2. ‘भरत’ का अर्थ क्या है?
संस्कृत में “भरत” का अर्थ होता है —
> “ज्ञान से भरा हुआ” या “प्रकाश में स्थित”
इस दृष्टि से भी "भारत" का अर्थ है —
> ज्ञान, संस्कृति और आत्मबोध की भूमि।
---
🔸 3. महाभारत और रामायण में संदर्भ
महाभारत ग्रंथ के नाम में ही “भारत” जुड़ा है — क्योंकि ये कौरवों और पांडवों (भरत वंश) की कथा है।
रामायण में श्रीराम के छोटे भाई का नाम भी “भरत” था — जो धर्म, प्रेम और त्याग का प्रतीक हैं।
---
🔸 4. संविधान में भारत का नाम
भारत का आधिकारिक नाम “भारत” और “India” दोनों हैं।
📜 भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा है:
> “India, that is Bharat, shall be a Union of States.”
👉 "इंडिया, अर्थात भारत, राज्यों का संघ होगा।"
---
🧠 Bonus Fact: अन्य नाम जो भारत को दिए गए हैं
नाम अर्थ
आर्यावर्त आर्यों की भूमि
जंबूद्वीप पुराणों में भारतवर्ष के लिए प्रयुक्त
हिंदुस्तान फारसी प्रभाव से आया नाम
इंडिया अंग्रेज़ों द्वारा “Indus” नदी से लिया गया नाम
---
🔚 निष्कर्ष:
भारत का नाम सिर्फ एक भौगोलिक पहचान नहीं है –
ये है एक संस्कृति, एक परंपरा, और एक गौरवशाली सभ्यता का प्रतीक,
जिसकी जड़ें राजा भरत, वैदिक धर्म, और संविधान से जुड़ी हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें